हमारा उद्देश्य कार्बनिक यौगिक (कंपाउंड) का गलनांक (मेल्टिंग प्वांइंट) निर्धारित करना है।
गलनांक (मेल्टिंग प्वा इंट) यौगिक (कंपाउंड) का महत्वपूर्ण भौतिक गुण है। गलनांक (मेल्टिंग प्वावइंट) का पदार्थ की पहचान करने और इसकी शुद्धता के इंडीकेटर के रूप में के लिए इस्तेमाल किया है किया जा सकता है। ठोस का गलनांक (मेल्टिंग प्वा इंट) उस तापमान के रूप में परिभाषित किया जाता है जिस पर एक वायुमंडल के बाहरी दबाव के अंर्तगत ठोस अपने तरल के साथ संतुलन की स्थिति में मौजूद होता है, ।
शुद्ध क्रिस्टलीय यौगिक (कंपाउंड) का आम तौर पर एकदम सुस्प ष्टद गलनांक होता और यह 0.5-1oC के बीच तापमान के एक सीमित दायरे में पूरी तरह से पिघला जाता है। अशुद्धियों की थोड़ी सी भी मात्रा की उपस्थिति आम तौर पर हिमांक (फ्रीजिंग प्वाेइंट) में अवसाद पैदा करती है और गलनांक (मेल्टिंग प्वाकइंट) के दायरे में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रदर्शन करती हैं। > 5oC के गलनांक (मेल्टिंग प्वामइंट)का दायरा इंगित करता है कि पदार्थ अशुद्ध है। ऐसी सामग्री की जिसकी पहचान ज्ञात है शुद्धता की मात्रा का अनुमान शुद्ध नमूने के गलनांक (मेल्टिंग प्वा इंट)से इसकी तुलना करके लगाया जा सकता है।
गलनांक (मेल्टिंग प्वासइंट) का इस्तेमाल यौगिक (कंपाउंड) की पहचान करने और लक्षण का वर्णन करने के लिए भी किया जाता है। अगर दो शुद्ध नमूनों का गलनांक (मेल्टिंग प्वाकइंट) गलनांक (मेल्टिंग प्वाइंट) में स्पष्ट अंतर दर्शाता है, तो यह इंगित करता है कि इन दो यौगिकों की अलग-अगल संरचनात्मक व्यवस्था होगी या उनके परमाणुओं या विन्यास की अलग व्यवस्था होगी । अगर दो सामग्रियों का गलनांक (मेल्टिंग प्वाइंट) एक ही है, तो इन दोंनों की संरचना समान (जरूरी नहीं) हो सकती है।
आइसोमर एन ब्युटानॉल और टी ब्युटानॉल पर विचार करें। दोनों का आणविक सूत्र formula (C4 H10O) एक ही है, लेकिन उनकी संरचना में भेद है।
2. अणुओं के बीच आकर्षण बल
अणुओं के बीच आकर्षण बल यौगिक (कंपाउंड) के गलनांक (मेल्टिंग प्वा इंट) को प्रभावित करता है। मजबूत अंतराण्विक अंतरक्रिया का परिणाम उच्च गलनांक (मेल्टिंग प्वाइंट) होता। आयोनिक यौगिकों का आमतौर पर उच्च गलनांक (मेल्टिंग प्वाइंट) होता है क्योंिकि आयनों को पकड़े रहने वाला इलेक्ट्रोस्टैटिक बल बहुत मजबूत होता हैं । कार्बनिक यौगिकों में ध्रवीयता (पोलरटी) या विशेष रूप से हाइड्रोजन बाण्डिंग की उपस्थिति, आम तौर पर उच्च गलनांक (मेल्टिंग प्वा(इंट) का कारण होती है।
उदाहरण:
ब्यूटेन अणुओं के बीच लगने वाला एकमात्र आकर्षण बल कमजोर वानडर वाल्स आकर्षण बल होता है, इसलिए इसका बहुत कम गलनांक (मेल्टिंग प्वाआइंट) होता है। लेकिन मिथाइल प्रोपियोनेट के मामले में, ध्रुवीय C – O समूह की उपस्थ्ि ति के कारण, अणु द्विध्रुवीय-द्विध्रुवीय अंतरक्रिया द्वारा बंधें होते हैं। इसलिए, इसका गलनांक (मेल्टिंग प्वाथइंट) ब्यूटेन की तुलना में ज्यादा है।