निम्नलिखित लवणों के विलयन (साल्यूuशन) पर Zn, Fe, Cu और Al धातुओं की क्रिया देखना:
ऊपर दिए गए परिणामों के आधार पर अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में Zn, Fe, Cu और Al धातुओं को व्यावस्थित करें।
धातु तत्व होते हैं और गर्मी और बिजली के अच्छेm सुचालक होते हैं। ज्या दातर धातुएं प्रकृति में विद्युत धनात्मेक होती हैं। और धातु के परमाणु ऋणायन (केशन) बनाने के लिए रासायनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन त्यामग देते हैं। धातु जितना ही ज्या दा अभिक्रियाशील होता है, उतनी ही ज्याादा उसकी प्रवृत्ति रासायनिक अभिक्रिया में धनात्मक आयन बनाने की होती है।
धातुएं आवर्त सारणी के अधिकांश पर काबिज है। क्षारीय धातुएं आवर्त सारणी में रासायनिक तत्वों की श्रृंखला हैं। क्षारीय धातुएं हाइड्रोजन सहित आवर्त सारणी में समूह 1 में शामिल हैं। लिथियम (Li), सोडियम (Na), पोटेशियम (K), रूबिडीयाम (Rb), सीज़ियम (Cs) और फ्रैनशियम (Fr)क्षारीय धातुएं हैं। आवर्त सारणी में समूह 2 के तत्व क्षारीय मृदा धातुएं कहलाती हैं। बेरिलियम (Be), मैग्नीशियम (Mg) कैल्शियम (Ca), स्ट्रांशियम (Sr), बेरियम (Ba) और रेडियम (Ra)क्षारीय मृदा धातुएं हैं। समूह1 और समूह 2 तत्व एक साथ एस-ब्लॉक तत्व कहलाते हैं। समूह 3 से 12 के तत्व संक्रमण तत्वक हैं। ये भी प्रकृति में धातु हैं और संक्रमण धातुएं कहलाते हैं। इन्हें भी डी-ब्लॉक तत्व भी कहा जाता है। गैर-धात्विक तत्व आवर्त सारणी के दाहिनी ओर काबिज है। बोरान से पोलोनियम तक एक विकर्ण रेखा गैर धातुओं से धातुओं को अलग करती है।
विस्थापन अभिक्रियाएं धातुओं में बहुत आम हैं। इसका धातुओं की सापेक्षिक अभिक्रियाशीलता का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। विस्थापन अभिक्रिया में, ज्या दा अभिक्रियाशील धातु कम अभिक्रियाशील धातु को उसके लवणों के विलयन (साल्यू शन) से विस्थादपित कर सकता हैं। इस अभिक्रिया को अक्सर धातु विस्थापन अभिक्रिया के रूप में जाना जाता है।
आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ धातुओं को अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में व्यवस्थित किया गया है। इसे अभिक्रियाशीलता श्रृंखला या क्रियाशीलता श्रृंखला के रूप में जाना जाता है।
श्रृंखला में धातु जितनी ही ज्यांदा उच्चः होती है, उतनी ही ज्या2दा वह अभिक्रियाशील होती है और उतना ही ज्यायदा तेजी से पानी, ऑक्सीजन और एसिड के साथ अभिक्रिया करती हैं। क्रियाशीलता श्रृंखला में धातु अपने यौगिक से श्रृंखला में अपने से नीचे की किसी भी धातु को विस्थाीपित कर सकती हैं। Zn कॉपर सल्फेट के विलयन (साल्यूशन) से कॉपर को और आयरन सल्फेट के विलयन (साल्यूोशन) से आयरन को विस्थापित कर सकती हैं। अत: Zn कॉपर और आयरन की तुलना में ज्यासदा अभिक्रियाशील है। पोटेशियम, सोडियम, लिथियम और कैल्शियम जैसे तत्व बहुत अभिक्रियाशील होते हैं और वे हाइड्रॉक्साकइड और हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए ठंडे पानी के साथ भी अभिक्रिया करते हैं। मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम और आयरन जैसे तत्वों को भी सक्रिय धातुओं के रूप में माना जाता है और ये आक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए भाप के साथ अभिक्रिया करते हैं। हाइड्रोजन से ऊपर की धातुएं हाइड्रोजन से ज्या दा अभिक्रियाशील होती हैं। ये धातुएं एसिड या पानी से हाइड्रोजन को विस्थाोपित कर सकती हैं और हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। कॉपर, सिल्वैर, गोल्डह और प्लैटिनम जैसी धातुएं हाइड्रोजन की तुलना में कम अभिक्रियाशील होती हैं और ये पानी या एसिड से हाइड्रोजन को नहीं विस्थापित करते है।