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मंगलम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, एट्टुमानूर, कोट्टायम में ओलैब्स वर्कशाप

शिक्षकों और बी.एड. के छात्रों के लिए 22 मई 2015 को मंगलम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, एट्टुमानूर, कोट्टायम में डब्लू.ए.एम.पी.एस 2015, अप्लाइड गणित और भौतिक विज्ञान पर राष्ट्रीय वर्कशाप के भाग के रूप में ओलैब्स वर्कशाप का आयोजन किया गया। 60 से भी अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। सुश्री शिल्प सिवान ने ऑनलाइन लैब्स का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ श्रीलता, श्री सनीश पी.एफ. और श्री अखिल सिवान ने ओलैब्स के लाभों के बारे में बताया। डॉ श्रीकला सी.ओ. ने समझाया के कैसे प्रभावी ढंग से पाठ्यक्रम में ओलैब्सप का मिश्रण करना है। इसके बाद हैण्डत ऑन सत्र और इंटरैक्टिव सेक्श्न का आयोजन किया गया।

हैण्डस ऑन सत्र के बाद, प्रयोगशाला की सामग्री में सुधार लाने के लिए प्रतिभागियों से फीडबैक मांगा गया। प्रतिभागियों से मिली प्रतिक्रिया ऑनलाइन लैब्स के लिए सराहना और उत्साह की गूंज थी।

 "वर्कशाप सभी स्तरों पर बहुत अच्छी थी।  छात्रों की भलाई के लिए इसका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है मुझे इसका विचार मिला। मैं निश्चित रूप से इसका अपने छात्रों के लिए इस्तेमाल करूंगा" – अश्वमत्थी् मोहन, एमईएचएसएस, एट्टुमानूर में गणित के शिक्षक।

"मैंने इसे मेरे अपने लेक्चर में शामिल करने और इसके आधार पर अपने शिक्षण वातावरण में सुधार लाने के लिए योजना तैयार की है।" - अनूप, बी.एड छात्र।

मई 22 , 2015

एट्टुमानूर, कोट्टयम


बैंगलोर में ऑनलाइन लैब्स शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम लांच 

बैंगलोर में अमृता ऑनलाइन लैब्स ट्रैनिंग प्रोग्राम की शुरूआत अमृता विद्यालयम् में हुई़। 24 फरवरी 2015 को शुरू हुए इस प्रोग्राम में पंद्रह विज्ञान शिक्षकों ने भाग लिया।

अमृता विद्यालयम् के अध्यापक डैमो सैशन में भाग लेते हुए

स्कूल की कंप्यूटर लैब को ट्रैनिंग प्रोग्राम के लिए तैयार किया गया था। रथनम अरूण,अस्वथी के एस और संगीथा मधु ने अमृता क्रिएट को प्रस्तुत किया। 

अध्यापकों के आग्रह पर प्रत्येक विषय से संबंधित एक प्रयोग का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद हैंड्स-ऑन  सैशन हुआ जिसमें अध्यापकों ने ऑनलाइन सिस्टम को स्वयं चलाकर परखा और जाना। 

प्रतिभागियों ने वेबसाइट के एनिमेशन्स,सिमुलैशन और वीडियो को देखने में बड़ी रूचि दिखाई। इस सैशन के बाद अध्यापकों से लैब सामग्री में सुधार के लिए फीडबैक भी ली गई।

अमृता विद्यालयम्, बैंगलोर के अध्यापक अमृता ऑनलाइन लैब्स के बारे में अपनी शंकाएं दूर करते हुए।

‘कहीं भी कभी भी प्रयोग को करके देखने के विचार ने अमृता ऑनलाइन लैब्स को स्पेशल बना दिया है’- अनिथा के नायर,फिजिक्स अध्यापक,अमृता विद्यालयम्,बैंगलोर।

इसी दिनऑनलाइन टीम के सदस्यों ने अमृता विद्यालयम् के ही एक ओर नजदीकी स्कूल का भ्रमण किया। स्कूल भ्रमण के दौरान टीम ने मुख्यधारा की शिक्षा के साथ इस नए तकनीकी साधन को सम्मिलित करने के लाभों और महत्व को स्प्ष्ट रूप से सामने रखा। टीम ने उन तरीकों के बारे में भी बताया जिनके द्वारा ऑनलाइन लैब्स का प्रयोग विद्यार्थियों की समझ,कार्यक्षमता और विकास उनके विषयों में बढाया जा सकता है। जिस स्कूल का टीम ने दौरा किया उस स्कूल ने ऑनलाइन लैब्स के सदस्यों का स्वागत किया और इसके कार्यों की प्रशंसा की।

25फरवरी 2015को जे एस एस पब्लिक स्कूल,बैंगलोर में एक स्माल डैमो सैशन का आयोजन किया गया। इस सैशन में स्कूल के वाइस-प्रिंसिपल,विज्ञान अध्यापकों (रसायन विज्ञान,जीव विज्ञान,भौतिक विज्ञान और गणित),अंग्रेजी अध्यापक और कंप्यूटर अध्यापक ने भाग लिया।

 

जे।एस।एस। पब्लिक स्‍कूल, बैंगलोर के अध्‍यापक लैब वीडियो देखते हुए

डैमो सैशन के बाद अध्‍यापकों ने अपने बहुमूल्‍य सुझाव भी दिए जो वर्जुअल लैब के कार्यों में सुधार के बहुत काम आएंगे। स्‍कूल के वाइस प्रिंसिपल ने पाठ्य पुस्‍तकों की सामग्री को भी वेबसाइट में शामिल करने का सुझाव दिया। गणित अध्‍यापक ने वेबसाइट के गणित सेक्‍शन के एनिमेशन और सिमुलैशन को जल्‍द अपडेट करने का आग्रह किया।

राजकीय उच्‍च विद्यालय, बैंगलोर के विद्यार्थी

इसी दिन ओलैब्‍स टीम ने एक सरकारी स्‍कूल में भी डैमो सेशन का आयोजन किया। डैमो सेशन में सात अध्‍यापकों और तीस विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्‍कूल में एक उपयुक्‍त विज्ञान प्रयोगशाला नहीं है और न ही लैब उपकरण हैं। ऑनलाइन लैब्‍स पर दिखाए गए वीडियो को विद्यार्थियों ने बहुत उत्‍सुकता से देखा।

डैमो सेशन के दौरान उपस्थित राजकीय उच्‍च विद्यालय बैंगलोर के अध्‍यापक 

स्‍कूल मे इंटरनेट सुविधा न होने के कारण स्‍कूल प्रबंधन ने ऑनलाइन लैब्‍स सीडी उपलब्‍ध कराने का आग्रह किया। डैमो सेशन के बाद अध्‍यापकों ने सिमुलैटर का उपयोग कर प्रयोग कैसे करें और ऑनलाइन लैब्‍स सिमुलैटर को चलाने के लिए किस तरह के सिस्‍टम की आवश्‍यकता होगी, जैसे सवाल किए।

ऑनलाइन लैब्‍स के प्रदर्शन के बारे में अध्‍यापकों की शंकाओं को दूर करते क्रिएट स्‍टाफ के सदस्‍य

फीडबैक सेशन में अध्‍यापकों से मिलीं कुछ टिप्णियां:

‘हम किसी मच्‍छर के जीवन चक्र का बताने के लिए चार्ट का प्रयोग करते हैं। ऑनलाइन लैब्‍स के एनिमेशन हमारे लिए प्रत्‍येक चरण की व्‍याख्‍या करने में बहुत सहायक होंगे और छात्र भी सामग्री को आसानी से समझ जाएंगे’– रजनी, जीव विज्ञान अध्‍यापिका, राजकीय उच्‍च विद्यालय, बैंगलोर

‘एनिमेशन और प्रयोगशाला के वीडियो बहुत सहायक हैं क्‍योंकि छात्र चित्रों को बहुत जल्‍दी समझते हैं और उन्‍हें भुलते भी नहीं’ रामनाथ राव, रसायन विज्ञान अध्‍यापक, राजकीय उच्‍च विद्यालय, बैंगलोर

ओलैब्‍स टीम ने बैंगलोर में जिन अन्‍य स्‍कूलों का दौरा किया उनमें शामिल थे कैंब्रिज पब्लिक स्‍कूल, बैंगलोर, कैंब्रिज स्‍कूल, के।आर। पुरम, सैंट लॉरेंस इंग्लिश स्‍कूल, बैंगलोर, विद्या निकेतन पब्लिक स्‍कूल, उलाई उपानगर, बैंगलोर आदि।


पीजीएम स्‍कूल पंडल्‍लम में अमृता ऑनलाइन लैब्‍स पर हुई वर्कशॉप

अमृता ऑनलाइन लैब्‍स प्रोजेक्‍ट (ओलैब्‍स) पर एक वर्कशॉप का आयोजन पीजीएम बॉयज एंड गर्ल्‍स उच्‍च विद्यालय, पंडल्‍लम, केरल में छह फरवरी 2015 को किया। स्‍कूल के 39 विज्ञान अध्‍यापकों ने इसमें भाग लेकर अमृता क्रिएट की प्रस्‍तुति के द्वारा वर्जुअल लैब्‍स का अनुभव प्राप्‍त करने का अवसर पाया।

अमृता ऑनलाइनलैब्‍स, जिसका विकास भारत के सभी साधनों से सुसज्जित शहरी स्‍कूलों और देश के ग्रामीण इलाकों के अभावग्रस्‍त स्‍कूलों के बीच की खाई को दूर करने के लिए किया गया है, एक निशुल्‍क सेवा है जिसे सीबीएसई के सभी स्‍कूलों में लागू करने की सिफारिश की गई है।भारत के ग्रामीण इलाकों के बहुत से स्‍कूलों में विज्ञान प्रयोग शालाएं नहीं हैं क्‍योंकि प्रयोग के लिए आवश्‍यक सामग्री और रसायन नहीं हैं। यहां तक की शहरों के बहुत से स्‍कूलों में भी छात्रों की ज्‍यादा संख्‍या के कारण प्रत्‍येक विद्यार्थी स्‍वयं प्रयोग करके नहीं देख सकता या फिर यह भी नहीं देख पाता कि क्‍या दिखाया जा रहा है। ऐसे हालातों में ऑनलाइन लैब्‍स छात्रों को यह सुविधा प्रदान करती है कि वे जितनी बार चाहें उतनी बार प्रयोग को दोहरा सकते हैं और बेहतर समझ के लिए प्रयोग के सिमुलैटर, एनिमेशन और वीडियो का सहारा ले सकता है।

पीजीएम उच्‍च विद्यालय के एक अध्‍यापक के वास्‍तविक प्रयोगशाला प्रयोग के प्रदर्शन के साथ वर्कशॉप की शुरूआत हुई। इसके बाद अमृता क्रिएट टीम के सदस्‍य रथनम अरूण ने ओलैब्‍स के एक वर्चुअल प्रयोग को प्रस्‍तुत किया । बाद में प्रजेंटेशन सेशन में रथनम अरूण ने ऑनलाइन लैब्‍स का संक्षिप्‍त परिचय दिया और प्रतिभागियों के सामने कुछ और प्रयोगों का प्रदर्शन किया। डैमो सेशन के बाद, अध्‍यापक और स्‍कूल अधिकारी इस नए शैक्षणिक उपकरण को स्‍कूल के विज्ञान पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर काफी उत्‍साहित दिखे।

‘ग्रामीण भारत के बहुत से स्‍कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाएं नहीं हैं क्‍योंकि वे प्रयोगशाला के उपकरण और संसाधनों को नहीं खरीद सकते। उनके लिए ऑनलाइन लैब्‍स प्रयोगशाला सुविधा के अभाव से मुक्ति पाने की दवा है’; पीजीएम हाई स्‍कूल की प्रतिभागी पी . अनिथा की टिप्‍पणी।

अमृता क्रिएट टीम के सदस्‍यों रथनम अरूण, गीथु एस और अवस्‍थी के।एस। ने स्‍कूल के पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों लिए टेबलेट सेशन का भी आयोजन किया। बच्‍चे टेबलेट का प्रयोग सीखने को बहुत उत्‍सुक थे।

6 फरवरी , 2015

पीजीएम हाई स्‍कूल, पंडल्‍लम


तमिलनाडू में ऑनलाइन लैब्‍स अध्‍यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू 

अमृता क्रिएट ने 24 फरवरी 2015 को अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, इटिमडई कैंपस में अमृता ऑनलाइन अध्‍यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। ओलैब्‍स , नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए वर्चुअल साइंस लैब, विद्यार्थियों को अपने प्रयोगों को वे जितनी बार चाहें उतनी बार दोहराने और सिमुलैटर, वीडियो और एनिमेशन की सहायता लेने की सुविधा प्रदान करती है। ऑनलाइन लैब्‍स को सीबीएसई से संबद्ध सभी स्‍कूलों में लागू करने की सिफारिश की गई है और यह सुविधा निशुल्‍क है।

कार्यक्रम का उद्घाटन तमिलनाडू की मुख्‍य शिक्षा अधिकारी श्रीमति गनाना गौरी ने किया। अमृता विद्यालयम् तमिलनाडू की एकेडमिक डायरेक्‍टर श्रीमति  वी। सुंदरी ने अध्‍यक्षीय भाषण दिया। कोयंबटूर के आसपास के 44 विज्ञान अध्‍यापकों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। रथनम अरूण और पार्वथी जी।डी। ने अमृता क्रिएट को प्रस्‍तुत किया।

रथनम अरूण ने आए हुए मेहमानों और प्रतिभागियों का स्‍वागत किया और अमृता क्रिएट का संक्षिप्‍त परिचय दिया। वेबसाइट में शामिल किए गए एक प्रयोग के प्रदर्शन के माध्‍यम से अरूण ने प्रतिभागियों को ऑनलाइन लैब्‍स प्रोजेक्‍ट के बारे में विस्‍तार से बताया। इसके बाद हैंड्स ऑन सेशन हुआ जिसे पार्वथी जी.डी। ने प्रस्‍तुत किया और प्रतिभागियों ने डेस्‍कटॉप और टेबलेट पर वेबसाइट को खोलकर देखा। प्रतिभागी ओलैब्‍स वेबसाइट के उपयोग को लेकर अत्‍यंत उत्‍सुक दिखे। वे वेबसाइट के उस भाग को लेकर जिज्ञासु दिखे जिसमें प्रयोग करने की सुविधा थी और उन्‍होंने वर्चुअली प्रयोग कैसे किए जाएं के संबंध में अपनी जिज्ञासाएं क्रिएट टीम के साथ मिलकर शांत की। 

हैंड्स ऑन सेशन के बाद लैब कंटेट में सुधार के लिए प्रतिभागियों से फीडबैक भी ली गई। प्रतिभागियों से मिली प्रतिक्रिया ऑनलाइन लैब्‍स के लिए प्रंशसा और उत्‍साह लिए थी।

‘इस वेबसाइट में बताए गए सभी प्रयोग बच्‍चों के लिए अत्‍यंत उपयोगी और सहायक हैं।यह अध्‍यापक के काम के बोझ को कम करती हैं क्‍योंकि यह करो और सीखो पर आधारित है’- आर राधिका, फिजिक्‍स अध्‍यापिका, चिन्‍मया विद्यालय स्‍कूल, थोनडामुथूर, कोयंबटूर।

‘ मैं समझता हूं कि प्रयोगों का कक्षा में प्रदर्शन के लिए यह सिस्‍टम बहुत उपयोगी है। अगर आप ज्‍यादा से ज्‍यादा विषय इसमें शामिल करेंगे, तो यह ज्‍यादा फायदेमंद बनता जाएगा’।पी। शिवागामी, जीव विज्ञान अध्‍यापक, गीतांजलि  मैटिक हायर सेकेंडरी स्‍कूल, कोयंबटूर।

24 जनवरी, 2015

अमृता यूनिवर्सिटी, इटिमडाईकैंपस


अमृता ऑनलाइन विज्ञान लैब्‍स (ओलैब्‍स) अंडमान और निकोबार के स्‍कूलों में शुरू 

अंडमान और निकोबार द्विप समूह के स्‍कूलों में ओलैब्‍स, ऑनलाइन वर्चुअल विज्ञान प्रयोगशाला का शुभारंभ पोर्ट ब्‍लेयर में 22 नवंबर 2014 को हुए एक कार्यक्रम और वर्कशॉप में हुआ। 45 स्‍कूलों के 63 अध्‍यापकों ने इस वर्कशॉप में भाग लेकर यह जाना कि लैब्‍स का प्रयोग कैसे किया जाए। अमृता क्रिएट के रथनम अरूण्‍ ने उन्‍हें लैब्‍स के प्रयोग के बारे में एक प्रदर्शन के माध्‍यम से जानकारी दी। ओलैब्‍स एक निशुल्‍क सेवा है और इसे भारत भर में सभी सीबीएसई स्‍कूलों में लागू किया गया है।

ओलैब्‍स के आगमन से उत्‍साहपूर्ण माहौल है क्‍योंकि ये सभी साधनों से सुसज्जित शहरी स्‍कूलों और गांवों के सुविधाहीन स्‍कूलों के मध्‍य की खाई को दूर कर सकती हैं। बहुत से स्‍थानीय  स्‍कूलों , इनमें से बहुत से स्‍कूल दूर-दराज के इलाकों में है, में विज्ञान प्रयोगशाला नहीं है या फिर ये प्रयोग के लिए आवश्‍यक सामग्री और रसायन नहीं खरीद सकते। इसके अलावा कक्षा में बच्‍चों की ज्‍यादा संख्‍या छात्रों को प्रयोग स्‍वयं अपने हाथों से करके देखने और या फिर उन्‍हें दिखाए जा रहे प्रयोग को सही से देख पाने से भी वंचित करती है। ओलैब्‍स छात्रों को यह सुविधा प्रदान करती हैं कि वे जितनी बार चाहे उतनी बार प्रयोग को दोहरा सकते हैं और वे अपने प्रयोग में सिमुलैटर, एनिमेशन और वीडियो के साथ-साथ थ्‍योरी और क्विज को भी शामिल कर सकते हैं। 

कार्यक्रम का उद्घाटन अंडमान के शिक्षा सचिव व डायरेक्‍टर आईएएस श्री देवेंद्र सिंह निज्‍जर ने किया। इस अवसर पर शिक्षा उप-निदेशक सुश्री सुमन देवी और विज्ञान समन्‍वयक  श्री जयराम भी मौजूद थे। विनयारमिता चैतन्‍य ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। डॉ। विष्‍णु वर्धन (चिकित्‍सा अधिकारी-अमृता हेल्‍थ सेटर, पोर्ट ब्‍लेयर) और श्रीमति सुमन देवी ने धन्‍यवाद ज्ञापन प्रस्‍तुत किया। मीडिया में भी इस समारोह की काफी चर्चा हुई और ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और चार स्‍थानीय समाचार-पत्रों ने कार्यक्रम को प्रमुखता से दिखाया और प्रकाशित किया। भाग लेने वाले स्‍कूलों को ओलैब्‍स की सीडी दी गई क्‍योंकि उनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। सीडीज को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा और ये अमृता चैरिटेबल हॉस्पिटल पोर्ट ब्‍लेयर से ली जा सकेंगी। ओलैब्‍स को www.olabs.edu.in से एक्‍सेस किया जा सकता है।


भुबनेश्‍वर में ऑनलाइन लैब्‍स पर हुई वर्कशॉप 

अमृता क्रिएट ने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन डीएवी पब्लिक स्‍कूल , चंद्रशेखरपुर, भुबनेश्‍वर में किया। 21 जनवरी 2013 को हुए इस कार्यक्रम में सेकेंडरी साइंस टीचर्स को ऑनलाइन लैब्‍स के महत्‍व के बारे में बताया गया। भुवनेश्‍वर के आसपास के स्‍कूलों के 17 विज्ञान अध्‍यापकों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। प्रोफेसर रघु रमन, रथनम अरूण और के।एस। सुधीर ने क्रिएट को प्रस्‍तुत किया।

प्रोफेसर रघु रमन ने ऑनलाइन लैब्‍स का एक संक्षिप्‍त परिचय प्रस्‍तुत कर कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्‍होंने ऑनलाइन लैब्‍स के ‘पानी के उबलने के स्‍तर का निर्धारण’ और ‘बेल जार प्रयोग’ का प्रदर्शन दर्शकों के सामने किया। इसके बाद एक हैंड्स ऑन सेशन का आयोजन हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने डेस्‍कटॉप और टेबलेट पर अपने हाथों से ओलैब्‍स को एक्‍सेस कर देखा और इसका मूल्‍यांकन किया। प्रत्‍येक प्रतिभागी ने सिस्‍टम को डेस्‍कटॉप और टेबलेट पर स्‍वयं खोजा और उसका प्रयोग कर देखा।

प्रतिभागी ओलैब्‍स वेबसाइट को देखने समझने में अत्‍यंत उत्‍सुक नजर आए। क्रिएट टीम ने प्रयोग करने की प्रेक्टिल साइड के बारे में विस्‍तार से बतया और प्रतिभागियों के ऑनलाइन लैब्‍स से संबंधित सवालों के जवाब दिए।

हैंड्स ऑन सेशन के बाद, प्रतिभागियों से लैब सामग्री में सुधार के लिए फीडबैक्‍ ली गई। प्रतिभागियों से मिली प्रतिक्रियाओं को बहुत ही उत्‍साह से ग्रहण किया गया।

‘ऑनलाइन लैब्‍स एडवांस्‍ड टीचिंग सिस्‍टम में से एक है जो शिक्षा में क्रांति ला सकता है, खासकर विज्ञान की शिक्षा में. यह आधुनिक मैथ्‍ड है जो विज्ञान को पढाने में मददगार है और छात्रों की सहायता प्रयोगशाला गतिविधियां आसानी से चलाने में करता है’।

~  निरंजन पारिदा, ओडीएम पब्लिक स्‍कूल, भुबनेश्‍वर 

‘यहां पर एक बहुत ही रूचिकर सेशन हुआ. सेशन बहुत सूचनाप्रद था और हमें ऑनलाइन लैब्‍स पर कार्य सीखने में बहुत मजा आया. मुझे विश्‍वास है कि यह छात्रों की बहुत सहायता करेगा और प्रेक्टिकल को उनके लिए ज्‍यादा आसान बनाएगा ’।

~ मनीषा सेमाल, डीएवी पब्लिक स्‍कूल, सीडीए, कटक 

प्रत्‍येक प्रतिभागी को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक सर्टिफिकेट दिया गया. सर्टिफिकेट अम्‍मा की मौजूदगी में एक सार्वजनिक समारोह, जो जनता मैदान, भुबनेश्‍वर में हुआ, में राज्‍य सरकार के एक सम्‍मानीय व्‍यक्ति के हाथों प्रदान किए गए.


अमृता यूनिवर्सिटी के मैसूर कैंपस में ऑनलाइन लैब्‍स पर हुई एक हैंड्स ऑन वर्कशॉप 

अमृता विश्‍व विद्यापीठम् के मैसूर कैंपस में ऑनलाइन लैब्‍स पर एक हैंड्स ऑन वर्कशॉप का आयोजन 12 दिसंबर 2012 को हुआ। यह वर्कशॉप ‘माध्‍यमिक शिक्षा का सार्वभौमिकरण – परिप्रेक्ष्‍य और चुनौतियां’ विषय पर हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंसका ही एक भाग थी. यह कांफ्रेंस भी इसी कैंपस में 11 और 12 दिसंबर को आयोजित की गई थी. इस वर्कशॉप में 100 से भी ज्‍यादा डेलीगेट्स, जिन्‍में से ज्‍यादातर शिक्षक, एकेडमिशियन, प्रशासक, अनुसंधानकर्ता, स्‍नातक और परास्‍नातक के छात्र थे, शामिल हुए। ये मैसूर जिले के विभिन्‍न संस्‍थानों से संबंध रखते थे।

डेमो सेशन में क्रिएट टीम मैंबर रथनम और संगीथा ने ऑनलाइन लैब्‍स का संक्षिप्‍त परिचय दिया और कुछ प्रयोगों जैसे बेल जार एक्‍पेरिमैंट और केमिकल रिएक्‍शन की प्रस्‍तुती दी। इसके बाद हैंड्स ऑन सेशन हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने स्‍वयं अपने हाथों से सिस्‍टम को चलाकर देखा और जांचा।

वर्कशॉप में भाग लेने वाले लोग ऑनलाइन लैब्‍स की सामग्री को एक्‍सेस करने और स्‍वयं प्रयोग करने में सक्षम हो गए थे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों की जबरदस्‍त रूचि देखी गई तथा वे काफी जिज्ञासु दिखे। वे इस बात से परिचित हुए कि इस शैक्षणिक उपकरण या साधन को मुख्‍यधारा की शिक्षा के साथ मिलाने से बहुत लाभ होगा।

वर्कशॉप के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक ऑनलाइन सर्वे में भाग लिया जिसके माध्‍यम से इस वर्कशॉप से संबंधित फीडबैक ली गई थी तथा साथ ही ऑनलाइन लैब्‍स के महत्‍व पर उनके विचार जाने गए और उनसे टिप्‍पणियां लीं गई।​ऑनलाइन लैब्‍स के महत्‍व पर उनके विचार जाने गए और उनसे टिप्‍पणियां लीं गई।

‘एनिमेटिड लैब एक्‍सपेरिमैंट से रूबरू होने का यह मेरा पहला अवसर था। यह अध्‍यापकों और छात्रों दोनों के लिए लाभप्रद है। अगर आप इसी तरह के सॉफ्टवेयर भाषाई विषयों के भी बनाएं तो बहुत अच्‍छा होगा’। - आरआईएमएससी से भाग लेने आए एस. शिवकुमार की प्रतिक्रिया.


अमृता यूनिवर्सिटी के इटिमडाई  कैंपस में ऑनलाइन लैब्‍स पर हुई वर्कशॉप 

‘ऑनलाइन लैब्‍स के माध्‍यम से कोई भी व्‍यक्ति प्रयोगशाला में जाए बिना भी प्रयोग कर सकता है। यह बहुत उपयोगी है और टेबलेट पर प्रयोग करना बहुत उत्‍साहजनक है’, यह कहना था इमरान बासा। एन का जो राजकीय उच्‍चतम माध्‍यमिक विद्यालय, कुनियामुथूर का छात्र था और जिसने अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, इटिमडाई में 11 जनवरी 2013 को ऑनलाइन लैब्‍स पर हुई वर्कशॉप में भाग लिया था।

वर्कशॉप ‘वुमन इन कंप्‍यूटिंग’ विषय पर हुई अमृता इंटरनेशनल कांफ्रेस के द्वितीय संस्‍करण का एक भाग थी। कांफ्रेंस का आयोजन नौ से 11 जनवरी तक किया गया था। कोयंबटूर और पलक्‍कड के 18 स्‍कूलों के 300 छात्रों ने भाग लिया तथा ऑनलाइन लैब्‍स का टेबलेट पर प्रयोग करने के अवसर का लाभ उठाया।

वर्कशॉप का आयोजन और व्‍यवस्‍था क्रिएट स्‍टाफ (सेंटर फॉर रिसर्च इन एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजिज  फार एजुकेशन) और कुछ छात्र स्‍वयंसेवकों ने अमृता यूनिवर्सिटी में किया था।

क्रिएट अमृता यूनिवर्सिटी की एक शैक्षणिक पहल है जो स्‍कूल और उच्‍च शिक्षा में शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए प्रभावी, कम खर्चीली शैक्षणिक प्रौद्योगिकी प्रदान पर ध्‍यान केंद्रित करती है।

ऑनलाइन लैब्‍स अमृता क्रिएट का एक अनुसंधान प्रोजेक्‍ट है जिसे सीडैक मुंबई के सहयोग से पूरा किया गया है तथा इसके लिए अनुसंधान ग्रांट भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने उपलब्‍ध कराई है। लैब एनसीईआरटी/सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले स्‍कूलों के लिए  भौतिकी और रसायन विज्ञान में ऑनलाइन प्रेक्टिकल एक्‍सपेरिमैंट की सुविधा प्रदान करती है।

भाग लेने वाले ज्‍यादातर विद्यार्थी सरकारी ग्रामीण और जनजातिय स्‍कूलों से आए थे और उनमें से अधिकतर के लिए टेबलेट चलाने का यह पहला अनुभव था और उन्‍होंने ऑनलाइन लैब्‍स की सामग्री को खंगालने में टेबलेट की मदद लेने में पूरा उत्‍साह और रूचि दिखाई। विद्यार्थियों ने ‘ध्‍वनि के परावर्तन के नियमों’ और ‘ठोस के घनत्‍व के निर्धारण’ जैसे प्रयोगों को टेबलेट पर करके देखा और ऐसा करने के बाद वे अति उत्साही नजर आए।

ग्रामीण क्षेत्रों से आए विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम से सीखा कि टच तकनीक का कैसे प्रयोग किया जाए और साथ ही वे शैक्षणिक उद्देश्‍यों की पूर्ति में इंटरनेट के महत्‍व के बारे में भी जागरूक हुए।सेशन के अंत में विद्यार्थियों ने एक संक्षिप्त सर्वे भी भरा जिसमें टेबलेट के अनुभव के बारे में उनसे फीडबैक ली गई थी और साथ ही ऑनलाइन लैब्‍स की उपयोगिता पर उनके विचार जाने गए और टिप्‍पणियां ली गई।

‘अध्‍ययन के लिए ऑनलाइन लैब्‍स बहुत उपयोगी हैं.मैं ऑनलाइन लैब्‍स के एक्‍सपेरिमैंट को जानने को बहुत उत्‍सुक था. मैंने इसे टैबलेट पर बहुत पसंद किया’।​

~एम. सबीथा, कक्षा 11, जी.एच.एस.एस. कुलाथूपल्‍यम 

‘टेबलेट बहुत उपयोगी है क्‍योंकि इसे हाथों में आराम से संभाला जा सकता है.बहुत सी चीजों के बारे में जानने के लिए यह सरल और उपयोगी है. ऑनलाइन लैब्‍स के प्रयोग उत्‍तम थे’।​

~वी. वनीथा, कक्षा 9, जी.एच.एस, देवरेयापुरम 

विद्यार्थियों से मिली उत्‍साहजनक प्रतिक्रिया इस तथ्‍य को स्‍पष्‍ट रूप से बताती है कि सिमुलैटिड एक्‍सपेरिमैंट से किसी विषय के बारे में विद्यार्थी की समझ को बढावा जा सकता है और एक टच स्‍क्रीन सिमुलैशन पढाई को और भी ज्‍यादा आनंददायी बना सकता है।


वर्कशॉप:

International Workshop on Technology Enhanced Learning for Schools held at Amirta University on January 4, 2012.ऑनलाइन लैब्‍स प्रोजेक्‍ट भौतिकी, रसायन विज्ञान , जीव विज्ञान में ऑनलाइन लैब्‍स पर वर्कशॉप की श्रृंखला चलाता है। इन वर्कशॉप में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित की ऑनलाइन लैब्‍स की नवीन वर्जुअल दुनिया से परिचय कराया जाता है।

ऑनलाइन लैब्‍स एक नया त्रिआयामी ई-लर्निंग साधन है जो कि मीडिया से भरपूर, इंटरेक्टिव यूजर इंटरफेस उपलब्‍ध कराता है जिसका प्रयोग अध्‍यापक अपने पाठ्यक्रम के पूरक के रूप में कर सकते हैं। ये वर्चुअल लैब्‍स एक ओपन वेबपेज पर स्थित हैं जिन्‍हें कोई भी किसी भी वेब ब्राउजर की मदद से विश्‍व के किसी भी ऐसे कंप्‍यूटर पर खोल सकता है जो इंटरनेट से कनेक्‍ट है। बहुत से प्रयोगशाला प्रयोगों को वर्जुअली एनिमेशन और सिमुलैशन का उपयोग कर किया जा सकता है। प्रयोगशाला प्रयोग वास्‍तविक जीवन के प्रयोगों के अत्‍यधिक करीब होते हैं। जब ओलैब्‍स का प्रयोग विद्यार्थियों द्वारा एक लर्निंग टूल के रूप में किया जाता है तो यह उन्‍हें सामग्री को कुशलता से सीखने में सहायता करता है और वास्‍तविक प्रेक्टिकल प्रयोग को आसान बना सकता है।

वर्कशॉप भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, और जीव विज्ञान के शिक्षकों को ऑनलाइन लैब्‍स के बारे में जानने का एक सुअवसर प्रदान करती हैं। हम भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, और जीव विज्ञान में ऑनलाइन लैब्‍स प्रदान करते हैं और एक हैंड्स-ऑन सेशन का भी आयोजन करते हैं जिसमें यह बताया जाता है कि ऑनलाइन लैब्‍स वेबसाइट का प्रयोग कैसे किया जाए। यह एक दिन की वर्कशॉप्‍ होती है जिसमें भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान के लिए अलग-अलग सैशन होते हैं जो उसी दिन साथ-साथ चलते हैं।

यह प्रोजेक्‍ट अमृता क्रिएट, अमृता यूनिवर्सिटी के द सेंटर फॉर रिसर्च इन एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजिज  फॉर एजुकेशन, की एक शैक्षणिक पहल है। इसमें सीडैक मुंबई ने सहयोग दिया है और भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने अनुसंधान ग्रांट उपलब्‍ध कराई है।

भविष्‍य में होने वाली वर्कशॉप के लिए इस पेज को देखें।

वर्कशॉप क विवरण और पंजीकरण के लिए कृपया नीचे दिए गए उपयुक्‍त लिंक पर क्लिक करें :

स्‍थान दिन, तारीख्‍ और समय स्‍थान  पंजीकरण 
भुबनेश्‍वर  सोमवार, 21 जनवरी 2013,  सुबह 8.30-11.00 बजे तक डीएवी पब्लिक स्‍कूल, चंद्रशेखर पुर, भुबनेश्‍वर बंद
इटिमडाई​ वीरवार, 11 जनवरी 2013, दोपहर 2.00 बजे से 4.00 बजे तक  अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, अमृतानगर, इटिमडाई, कोयंबटूर, तमिलनाडू बंद
इटिमडाई वीरवार, 11 जनवरी 2013, सुबह 11.00 बजे से 1.00 बजे तक अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, अमृतानगर, इटिमडाई, कोयंबटूर, तमिलनाडू बंद
मैसूर बुधवार, 12 दिसंबर 2012, सुबह 9.30 बजे से 11.00 बजे तक  अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, # 114, 7 मेन बोगाडी द्वितिय स्‍टेज, मैसूर, कर्नाटक बंद
अमृतापुरी सोमवार, 21 मई 2012, शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे तक​ अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, कलापाना (पी.ओ.) अमृतापुरी कैंपस, कोल्‍लम, केरल बंद
अमृतापुरी वीरवार, 4  जनवरी 2012, 3.30बजे से - 5.30बजे तक​ अमृता विश्‍व विद्यापीठम्, कलापाना (पी.ओ.) अमृतापुरी कैंपस, कोल्‍लम, केरल बंद

आशा है कि आप इन वर्कशॉप में भाग लेंगे और लाभ प्राप्‍त करेंगे।

Developed by Amrita Vishwa Vidyapeetham & CDAC Mumbai. Funded by MeitY (Ministry of Electronics & Information Technology)

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